Bihar Rail Budget : रेलवे ने बिहार के लिए खोला पिटारा, 90 हजार करोड़ का होगा निवेश; पढ़ें डिटेल्स
संवाददाता, नयागांव। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड मुख्यालय और सोनपुर डीआरएम कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेल बजट 2025-26 पर संवाद किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को रिकॉर्ड 2,52,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे रेलवे के बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक सुधार होगा। रेल मंत्री ने बिहार को मिले बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यूपीए शासनकाल (2004-2014) के दौरान हर साल औसतन 1,132 करोड़ रुपये मिलते थे। वहीं, मोदी सरकार के कार्यकाल में यह राशि बढ़कर 10,066 करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछली सरकार से 9 गुना अधिक है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि बिहार में रेल परियोजनाओं के लिए धन की कमी नहीं होगी।
रेलवे नेटवर्क का तेजी से विस्तार
- 2009-14: औसत 64 किमी प्रति वर्ष
- 2014-24: औसत 167 किमी प्रति वर्ष (2.5 गुना वृद्धि)
रेलवे ट्रैक विद्युतीकरण में रिकॉर्ड वृद्धि
- 2009-14: औसत 30 किमी प्रति वर्ष
- 2014-24: औसत 275 किमी प्रति वर्ष (9 गुना वृद्धि)
बिहार में रेलवे का मेगा निवेश
- 86,458 करोड़ रुपये की लागत से 5,346 किलोमीटर नई रेल लाइन, दोहरीकरण और आमान परिवर्तन की 57 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
- 3,164 करोड़ रुपये की लागत से 98 अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास का काम चल रहा है। वहीं, रेलवे के विभिन्न विकास कार्यों में कुल 90,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है।
- 1,783 किलोमीटर में आर्मर सिक्योरिटी सिस्टम लगाने की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। बिहार को नई ट्रेन सेवाओं की सौगात दी गई है। जिसमें 12 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन शामिल है।
बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन सर्वे का काम पूरा
- बिहटा से औरंगाबाद जाने वाली रेल लाइन का सर्वे का काम पूरा हो गया है। जल्द ही इसका डीपीआर बनाया जाएगा।
- डीपीआर तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा, वहां से मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
- यह बातें पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि नेउरा-दनियावां रेल लाइन का काम जोरों पर चल रहा है।
- अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत सबसे पहले सहरसा तैयार होगा। अमृत भारत योजना के तहत राज्य में 98 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है।
- इसमें सहरसा का काम लगभग पूरा हो चुका है। 90 स्टेशनों का 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस योजना के तहत राज्य के छोटे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है।
